यार से ऐसी यारी रख
दुःख में भागीदारी रख,
चाहे लोग कहें कुछ भी
तू तो जिम्मेदारी रख,
वक्त पड़े काम आने का
पहले अपनी बारी रख,
मुसीबतें तो आएगी
पूरी अब तैयारी रख,
कामयाबी मिले ना मिले
जंग हौसलों की जारी रख,
बोझ लगेंगे सब हल्के
मन को मत भारी रख,
मन जीता तो जग जीता
कायम अपनी खुद्दारी रख.
In this Blog, I am sharing all scripts which I would like very much and which is little hilarious cum enlightening.
Search This Blog
Thursday, 16 June 2016
कायम अपनी खुद्दारी रख
Labels:
poem
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment