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Wednesday, 14 September 2016

राष्ट्र भारती हिन्दी है। (*हिन्दी दिवस*)

मीरा ने तुतलाया जिसमें
और सूर ने गाया है।

खुसरो और रसखान ने जिसको
खुशी खुशी अपनाया है।

जो कबीर तुलसी नानक की
स्वर लहरी बन गूंजी थी।

जो रहीम जायसी और
कामिल बुल्के की पूंजी थी।

प्रेमचंद की ग्रामकथा बन
जो पन्नों पर उतरी थी।

कभी तुलसी का राम बनी
कभी निराला की पुत्री थी।

जो अब भी सारस्वत पुत्रों
की कृतियों में जिंदी है।

कोटि कंठ की कोमल वाणी
राष्ट्र भारती हिन्दी है।

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