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Friday 23 October 2020

महत्वपूर्ण टोल फ्री नम्बर

*प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक नम्बरो की जानकारी! यह सब टोल फ्री है!!*
_________________________
विद्युत सेवा 1912

पुलिस सेवा 112

अग्नि सेवा 101

एमबुलैस सेवा 102

यातायात पुलिस 103

आपदा प्रबंधन 108

चाइल्ड लाइन 1098

रेलवे पूछताछ 139

भ्रष्टाचार विरोधी 1031

रेल दुर्घटना 1072

सड़क दुर्घटना 1073

सी एम सहायता लाइन 1076

क्राइम सटायर 1090

महिला सहायता लाइन 1091

पृथ्वी भूकम्प 1092

बाल शोषण सहायता 1098

किसान काल सेन्टर 1551

नागरिक काल सेन्टर 155300

 ब्लड बैंक 9480044444

Saturday 1 August 2020

स्टेट बैंक की कहानी


ज़रूरी नहीं कि
पापों के प्रायश्चित के लिए दान पुण्य ही किया जाए।

स्टेट बैंक में खाता
खुलवा कर भी
 प्रायश्चित किया जा सकता है..

छोटा मोटा पाप हो, तो
 बैलेंस पता करने चले जाएँ।

चार काउन्टर पर धक्के खाने के बाद पता चलता है, कि
 बैलेंस गुप्ता मैडम बताएगी।

गुप्ता मैडम का काउन्टर कौन सा है,
 ये पता करने के लिए
 फिर किसी काउन्टर पर जाना पड़ता है।

लेवल वन कम्प्लीट हुआ। यानी गुप्ता मैडम का
 काउन्टर पता चल गया है। लेकिन थोड़ा वेट करना पड़ेगा, क्योंकि
 मैडम अभी सीट पर नहीं है।

आधे घंटे बाद चश्मा लगाए,
 पल्लू संभालती हुई, 
युनिनोर की 2G स्पीड से चलती हुई गुप्ता मैडम
 सीट पर
विराजमान हो जाती है।
आप मैडम को 
खाता नंबर देकर बैलेंस पूछते है।

मैडम 
पहले तो
आपको इस तरह घूरती है,
जैसे 
आपने उसकी
बेटी का हाथ मांग लिया है। आप भी
 अपना थोबड़ा ऐसे
बना लेते है
जैसे सुनामी में आपका सब कुछ उजड़ गया है,
और आज की तारीख में
 आपसे बड़ा
लाचार दुखी कोई नहीं है।

गुप्ता मैडम को 
आपके
थोबड़े पर तरस आ जाता है, और 
बैलेंस बताने जैसा भारी काम करने का मन बना लेती है। लेकिन
 इतना भारी काम, अकेली अबला कैसे कर सकती है?
 तो मैडम सहायता के लिए आवाज लगाती है~

"मिश्रा जीsss, ये बैलेंस कैसे पता करते है?"

मिश्राजी,
 अबला की
 करुण पुकार सुनकर
अपने
 ज्ञान का
ख़ज़ाना खोल देते है।

पहले तो खाते के अंदर जाकर क्लोजिंग बैलेंस पर क्लिक
 करने पर बैलेंस आ जाता था। लेकिन अभी सिस्टम 
चैंज हो गया है। अभी आप
 f5 दबाएँ, 
और इंटर मार दे, तो 
बैलेंस दिखा देगा.."

गुप्ता मैडम 
चश्मा ठीक करती है,
 तीन बार मॉनिटर की तरफ और तीन बार की-बोर्ड की तरफ़
नजर मारती है। 
फिर उंगलियाँ की-बोर्ड पर 
ऐसे फिराती है, जैसे कोई तीसरी क्लास का लड़का वर्ल्ड मैप में सबसे छोटा देश मस्कट ढूंढ रहा हो.

मैडम फिर मिश्रा जी को 
मदद के लिए पुकारती है~
"मिश्रा जी, 
ये f5 किधर है..??"

शायद मैडम की उम्र पचास से ऊपर होने के कारण.
 मिश्रा जी
 पास आकर मदद करने की ज़हमत नहीं उठाते।
इसलिए
 वहीँ बैठे बैठे
जोर से बोलते है~

की बोर्ड में 
सबसे ऊपर देखिये मैडम.."

"लेकिन सबसे ऊपर तो 
सिर्फ़ तीन बत्तियां जल रही है.."

"हां उन बत्तियों के नीचे है। 
लम्बी लाइन है
 f1 से लेकर f12 तक.."

फ़ायनली,
 मैडम को f5 मिल जाता है। मैडम झट से बटन दबा देती है। मॉनिटर पर आधे घंटे तक 
 रेतघड़ी, (कुछ लोग उसे डमरू कहते हैं)
 बनी रहती है।

अंत में
एक मैसेज आता है~
"Session expired. Please check your connection.."

मैडम अपने हथियार डाल देती है।
एक नजर, आपके
 ग़रीबी-लाचारी से पुते चेहरे पर
डालती है और कहती है~
"सॉरी, सर्वर में प्रोब्लम है.."

कहने का टोन 
ठीक वैसा ही
होता है, जैसे
 पुरानी फिल्मों में डॉक्टर ओपरेशन थियेटर से बाहर आ कर
कहता था~

"सॉरी, हमने बहुत कोशिश की
पर ठाकुर साहब को
नहीं बचा पाए..."

🤪👍
(इस सत्यकथा का परम  आनन्द, केवल भुक्तभोगी ही उठा पाएंगे.)

Tuesday 23 June 2020

🎯भारत में प्रथम महिलायें🎯

1. प्रथम भारतीय महिला क्रिकेट टीम कप्तान *– शांत रंगा स्वामी (कर्नाटक)*2. भारत की प्रथम महिला शासक *– रजिया सुल्तान (1236)*3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष *– एनी बेसेन्ट (1917)*4. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष *– सरोजिनी नायडू*5. प्रथम क्रान्तिकारी महिला *– मैडम कामा*6. देश के किसी राज्य विधायिकी की प्रथम महिला विधायिका *– डॉ. एस. मुत्तुलक्ष्मी रेड्डी (मद्रास विधान परिषद् 1926)*7. भारत के किसी राज्य की विधान सभा की प्रथम महिला अध्यक्ष *– श्रीमती शन्नो देवी*8. देश के किसी राज्य के मंत्रिमण्डल में प्रथम महिला मंत्री *– विजय लक्ष्मी पंडित (संयुक्त प्रांत, 1937)*9. देश के किसी राज्य की प्रथम महिला मुख्यमंत्री *– सुचेता कृपलानी (उत्तर प्रदेश, 1963)*10. देश के किसी राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल *– सरोजिनी नायडू (उत्तर प्रदेश)*11. देश के किसी राज्य की प्रथम दलित मुख्यमंत्री *– मायावती (उत्तर प्रदेश)*12. भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री *– इंदिरा गांधी (1966)*13. केन्द्रीय व्यवस्थापिका का प्रथम महिला सांसद *– राधाबाई सुबारायन (1938)*14. राज्य सभा की प्रथम महिला उपसभापति *– बायलेट अल्बा (1962)*15. राज्य सभा की प्रथम महिला सचिव *– बी. एस. रमा देवी (1993)

Thursday 16 April 2020

*दो बिस्कुट और एक शिक्षक*


सुन गाँव के ऊंचे अधिकारी,
तूने काम किया विस्मयकारी।
शिक्षक ने दो बिस्कुट खाये,
तूने उसकी रपट लिखा डारी।।

उसका पेट नही था बड़ा,
दो बिस्कुट भी ना समाये।
पर सीमेंट,पत्थर बजरी,
बताओ आपने कैसे पचाये।।

ऐसी अदभुत पाचन शक्ति,
 कैसे तुमने पाई।
सड़के,चारदिवारी,नाली
कैसे तुमको भायी।।

सुना है लेवल-5 के हो,
खुद को अधिकारी कहते हो।
कार के अन्दर बैठे हो,
ए सी बंगलों में रहते हो।

दाढ़ी में एक तिनका है या,
तिनकों में एक दाढ़ी है।
दाल में थोड़ा काला है,
या दाल ही पूरी काली है।।

हमको तो ये सब पता नही,
ये पेपर वाले ही बताते हैं ।
अरबों पर जुबान नही खुलती,
दो बिस्कुट पर पेज भर जाते है।।

मजा बहुत आता है तुमको,
शिक्षक की खिल्ली उड़ाने में ।
दिल दुखता था उस शिक्षक का भी,
कभी मुर्गा तुम्हें बनाने में।।

कमी हमारी थी शायद,
जी भरके तुम्हें पढ़ाया था।
शायद तुम अनुपस्थित थे उस दिन,
जब शिष्टाचार सिखाया था।।

Wednesday 8 April 2020

मै फंस ग्यो उबा खाणा मे

😃😃😃😃😃😃😃😃

राजस्थान के एक गांव के पुराने कवि एक आधुनिक शादी
के जीमण में खडे खाने (उबो खाने) में फंसे गये, उनकी व्यथा
एक राजस्थानी कविता में-----

"मै रपट लिखास्यु थाणा मे,
मै फंस ग्यो उबा खाणा मे,

मने बात समज मी नी आवे,
गाजर, टमाटर, गोभी काचा खावे,
हाथ मे प्लेट लेने लैण लगावे,
काऊन्टर सु काऊन्टर पर जावे,
ज्यु मगतो फिरे दाणा ने,
मै फंस ग्यो उबा खाणा मे।

बाजोट पोतीया जिमण थाल,
ईण सगलो रो पड ग्यो काल,
ऊबा-ऊबा ही खाई रिया माल,
देश री गधेडी, पुरब री चाल,
पेला जेडो मिठास कटे भाणा मे,
मै फस ग्यो उबा खाणा मे!!

एक हाथ मे प्लेट लिरावो,
साग, मिठाई भेला ही खावौ,
भीड मे लोगो रा धक्का खावो,
घुमता-फिरता भोजन पावो,
ज्यु बलद फिरे घाणा मे,
मै फस ग्यो उबा खाणा मे!

सगला व्यंजन लावना दोरा,
ले भी आवो तो संभालना दोरा,
भीड-भाड ती बचावणा दोरा,
ढुल जावेला रुखालना दोरा,
मै डाफाचुक हो गयो जोधाणा मे,
मै फंस ग्यो उबा खाणा मे!!

आर्केस्टा वाला नाचे गावे,
बिन्द-बिन्दणी हँसता जावे,
घर वाला लिफ़ाफ़ा लिरावे,
सगलो रो ध्यान है गाणा मे,
मै फस ग्यो ऊबा खाणा मे!!

बुढा-बढेरा किकर खावे,
विकलांगो ने कुण जिमावे,
टाबर-टिबर भुखा ही जावे,
कोई बेठा ने कोई ऊबा ही खावे,
ईण लोगो ने कुण समजावे,
देखा-देखी होड लगावे,
सब लागा है आणा-जाणा मे,
मै फस ग्यो उबा खाणा में...!!!!
             
😀😀😀😀😀😀😀😀

Sunday 29 March 2020

इक्कीस दिन इक्कीस दोहे (कॉरोना स्पैशल)



पर घर पग ना मैलणो, 
                   कित्ती करें मनवार ।
अरज करे है आपने,
                   भारत री सरकार ।।1
कोरोना ने रोकणो, 
                  पहले रूकजो आप ।
नी रूक्या जै आज तो,
                  पछै रहत पछताप ।।2
दवा नहीं इण रोग री,
                   बचिया ही उपचार ।
हैं रती भर मिनखपणो,
                  मत आजो थे बा'र ।।3
हाथ मिलाणो छोड ने,
                      दूर सूं नमस्कार ।
मास्क लगा ने बोलजो,
                    ओ ही है उपचार ।।4
साबु सूं हाथ धोवजो,
                 दिन में दस-दस बार ।
तो ही रुकसी देस में, 
                    कोरोना परसार ।।5
कोरोना रे कोप सूं,
                    मचियो हाहाकार ।
मिनख हुवो तो मानजो,
                  मत आजो थै बा'र ।।6
पुलिस खड़ी है सड़क पर,
                   सब री पहरेदार ।
ऐकर मन सूं बोलजो,
              इन की जय जयकार ।।7
अठी उठी नी जावणो,
                घर में कर विसराम ।
मान सला सरकार री,
                  पूरण होसी काम ।।8
ठंडी चीजों सूं भला,
                 करजो थै परहेज ।
पछै भली थै खावजो,
                  थोड़ी करलो जेज ।।9
जै चावो थै देस में, 
               कल खुशियों रो ताज ।
सरकारी आदेश को,
                सगळा मानो आज ।।10
खबर सही अखबार री, 
                जिण रो कर परसार ।
झूठी अफवा इण घड़ी,
                मत मानो नर नार ।।11
भारत रो परधान भी,
                सबनै जोड़े हाथ ।
समय बितावो आपरो,
                 घरवालों रै साथ ।।12
धरती रे भगवान री,
                सेवा आठो याम ।
दूर करे ऐ रोग ने,
                 आप करो विसराम ।।13
भामासा भी जोर रो,
                  कर रहिया उपकार ।
घर में बैठे कीजिए,
               इन का भी सत्कार  ।।14
संकट री इण टेम में, 
                 सब करजो उपकार ।
भूखे पेट गरीब ने, 
                    रोटी री मनवार ।।15
काळाबाजारी कठी,
                    मत करजो रै सेठ ।
मजबूरी रो फायदो,
                 कितोक भरसी पेट ।।16
सीएम ने सलाम है,
                   सजग करिया प्रांत ।
काफी हद तक हो गयो,
                    कोरोना भी शांत ।।17 
मिलनै री वैळा नहीं,
                   मन सूं राखो मेळ ।
घर वासो भगवान रो,
                  मत मानो थै जेळ ।।18
पढ़ो किताबों ज्ञान री,
                   और पढ़ो अखबार ।
 दुनिया भर री खबर सूं,
                   पावो सच्चो सार ।।19
घर बैठा मत भूलजो,
                    करलो वांने याद ।
जिण रै कारण दैस री,
                    सीमाएं आबाद ।।20
इक्कीस दोहे हर दिन,
                   पढ़ता रहजो आप ।
धरमीदास री वीणती,
                घर ने राखो साफ ।।21

Thursday 8 August 2019

जचे ही कोनी

बाणियो 'व्यापार' बिना,
दुल्हन 'सिणगार' बिना,
बिन्द  'बारात'  बिना,
चौमासो 'बरसात' बिना.....जचे ही कोनी।

बाग 'माळी' बिना,
जीमणो 'थाळी' बिना,
कविता 'छंद' बिना,
पुष्प 'सुगन्ध' बिना.....जचे ही कोनी।

मन्दिर 'शंख' बिना,
मोरियो 'पंख' बिना,
घोड़ो 'चाल' बिना,
गीत 'सुर-ताल' बिना.....जचे ही कोनी।

मर्द 'मूँछ' बिना,
डांगरो 'पूँछ' बिना,
ब्राह्मण 'चोटी' बिना,
पहलवान 'लंगोटी' बिना.....जचे ही कोनी।

रोटी 'भूख' बिना,
खेजड़ी 'रुँख' बिना,
चक्कु 'धार' बिना,
पापड़ 'खार' बिना.....जचे ही कोनी।

घर 'लुगाई' बिना,
सावण 'पुरवाई' बिना,
हिण्डो 'बाग' बिना,
शिवजी 'नाग' बिना.....जचे ही कोनी।

कूवो 'पाणी' बिना,
तेली 'घाणी' बिना,
नारी 'लाज' बिना,
संगीत 'साज' बिना.....जचे ही कोनी।

इत्र 'महक' बिना,
पंछी 'चहक' बिना,
मिनख 'परिवार' बिना,
टाबर 'संस्कार' बिना.....जचे ही कोनी।