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Sunday 19 November 2017

पदमणी पच्चीसी

*सतवाळी चित्तौङ री,ममताळी महमाय।*
*पतवाळी मां पदमणी,पूजूं थारा पाय।।1।।*

*भळकी भळहळ भारती,रळकी रीतां रांण।*
*पळकी पदमण प्रीतड़ी,जळगी जौहर जांण।।2।।*

*सतवंती पदमण सिरै, मतवंती  थूं माय।*
*धजवंती सत धारियौ,लजवंती बण लाय।3।।*

*रजवट ऊजळ राखियौ,कुळवट राखण कांण।*
*धजवट पदमण धारणी,सतवट राखण रांण।।4।।*

*पदमण गंगा  पूजती,  रे! अरधंगा  रांण।*
*सतियां संगा चालणौ,जौहर जंगां जांण।।5।।*

*रजपूतण भल राखियौ,नवखंड ऊजळ नांव।*
*जोतां अजलग जगमगै,पूजूं पदमण पांव।।6।।*

*कुळ री राखण कीरती,अंजस राखण आंण।*
*नमन हजारों नारियां,जौहर कीधौ जांण।।7।।*

*पूगळगढ री पदमणी,मेदपाट कुळ माळ।*
*सोळै सहस सतवतियां,जळगी जौहर ज्वाळ।।8।।*

*हरवळ निज तन होमियौ,सतवंती सिरमौड़।*
*अमर सदा इळ ऊपरां,चावौ गढ चित्तौड़।।9।।*

*अंजस राखण आबरू,भरियौ हिरदै भाव।*
*पतिव्रता पण पाळियौ, पूजूं पदमण पांव।।10।।*

*परम नमूं पदमावती, वंदन करूं विसेस।*
*सतवंती सत धारियौ, दीपै रजवट देस।।11।।*

*पदमण भल प्रकाशियौ,बापा रावळ वंश।*
*राणी आ रतनेस री,अंजसै सूरज अंश।।12।।*

*उमा संग शिव आविया,देखण सती दरसाव।*
*जगमग जागी जोतड़ी,पूजूं पदमण पांव।।13।।*

*पावन कीधो पदमणी, कुळवट जौहर कुंड।*
*भाठौं माथौ भांगियौ,खिलजी वाळै झुंड।।14।।*

*दीसै पग पग देवळै,सतियां तणौ संदेस।*
*पदमणियां परताप सूं,दूणौ तपै दिनेस।।15।।*

*गौरा बादळ गरजिया, बढ चढ कीधा वार।*
*झुंड अरियां झाड़िया, जुध हूवा जूंझार।।16।।*

*रंगिया मगरा रगत सूं, राखी रजवट रीत।*
*अखियातां रहसी अमर, गौरा बादळ गीत।।17।।*

*साको कीधौ सूरमौं,अंतस कियौ उफांण।*
*रगतां राती रेणका,अजर अमर अहनांण।।18।।*

*मेवाड़ौ महि ऊपरां, कीरत रौ कमठांण।*
*गूंजै गौरव गीतड़ा, पदमण थारै पांण।।19।।*

*पूगळ हंदी पदमणी,चित्रकूट री शान।*
*जौहर मेळौ जोयलौ,सतियां रौ सम्मान।।20।।*

*पावन कीधो पदमणी, मेदपाट सिरमौड़।*
*जौहर जोतां जगमगै, ठावी रजवट ठौड़।।21।।*

*चावै गढ चित्तौड़ री,करै न समवड़ कोय।*
*जस औ जुगां न जावसी, जौहर मेळौ जोय।।22।।*

*रजवट रौ पण राखियौ, उर में राख उमाव।*
*दीपै अजलग देस में,पूजूं पदमण पांव।।23।।*

*पदमण कीधी पाळणा, अडिग रांणी अभंग।*
*जौहर निज तन जाळियौ, रजपूतण नै रंग।।24।।*

*माटी धर मेवाड़ री,ऐकलिंग री आस।*
*आखै भारत आजलग,पदमण तणौ प्रकास।।25।।*
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