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Wednesday 23 September 2015

चलो कुछ पुराने दोस्तों के

चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
     दरवाज़े खटखटाते हैं;
देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
     या अभी भी फड़फड़ाते हैं;
हँसते हैं खिलखिलाकर,
     या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं;
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
       या सिर्फ सक्सेस स्टोरी सुनाते हैं;
हमारा चेहरा देख वो,
       अपनेपन से मुस्कुराते हैं;
या घड़ी की और देखकर,
      हमें जाने का वक़्त बताते हैं ।
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
       दरवाज़े खटखटाते हैं..

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