बैनड़ म्हारी सुगन चिडी़,
आ राखी नें उड़ आवे है!
भीरा अर भावज रे खातर,
रेशम री राखी ल्यावे है!
बाल पणा री मीठी यादां,
याद घणी जद आवे है!
दे दे झोटा पालणीया रे,
बैनड़ हालरीयो हुलरावे है!!
बीरो म्हारो राजकंवर सो,
फिर फिर वा बतलावे है!
लाड कोड सूं ले गोद्दयां में,
जद बीरा नें लाड़ लड़ावे है!!
बैनड़ म्हारी सुगनचिड़ी,
आ राखी नें उड़ आवे है....
दोय दिनां री बण पावणी,
बहना सगलां नें हरषावे है!
सासरिया री आच्छी बातां,
सगली मांड मांड दरसावे है!!
हिये हेत रो समदरीयो ले,
जद नेह रो नीर बरसावे हैं!
टाबरीयां ने वा लाड़ लड़ावे,
म्हारो घर आंगण सरसावे है!!
बैनड़ म्हारी सुगनचिड़ी,
आ राखी नें उड़ आवे है....
रेशम राखी धागा रे आगण,
रूपो ,कंचन कतीर लागे है!
हीरा,पन्ना, माणक,मोती,
सगला चमक राखी सूं मांगे है!!
सावण सुरंगो महिनो आवे,
जद भाग भाईयां रा जागे है!
कूबेर खजाना री चमक स्यू,
आभा राखी री इधकि लागे है!!
बैनड़ म्हारी सुगनचिड़ी,
आ राखी नें उड़ आवे है...
कोयलड़ी ज्यूं फिरे कूहूकती,
बैनड़ मन में मोद मनावे हैं!
सासरिया सुं आवे संदेशो,
आ नैणा सुं नीर बहावे है!!
दे भोलावण भाई भावज नें,
बाईसा अपणे घरां सिदावे है!
मां,बाबुल री प्यारी बुलबुल,
चिड़कली डाली सुं उड़ जावे है!!
बैनड़ म्हारी सुगनचिड़ी,
आ राखी नें उड़ आवे है...
मां बाप री धीवड़ लाडली,
बहना जद सासरिये सिदावे है!
बाटां जोवे अर सगला उडिके
सबनें ओल्युड़ी उणरी आवे है!!
जुग जुग जीवे बीरो म्हारो,
बैनड़ मन में सदा ही चावै हैं!
"श्याम राजगुरू"हेत बाईसा रो,
बड़भागी नें ही मिल पावे हैं!
भागधारी नें ही मिल पावे है!!
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