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Sunday 31 December 2017

मेरा गाँव (तेना)

तरूण जी के नाम पर बसा तेना गांव। तेना गांव जोधपुर शेरगढ मार्ग पर शेरगढ मुख्यालय से 12किलोमीटर दूर बसा है। तेना गांव के बारे में लोगों की मान्यता है कि राव गोगादेव  जी राठौड़ के पुत्र सैसमल जी ने तेना गांव बसाया था। 1450 ईस्वी के लगभग तेना गांव बसा। सैसमल जी के पुत्र तरूण जी के नाम से तेना गांव का नामकरण हुआ। कुछ लोगों की मान्यता है कि तन्ने खाँ नाम का मुस्लिम जिसका तेना गांव पर शासन था जिसे राव सैसमल जी ने मार डाला जिसके नाम से तेना गांव का नामकरण हुआ। राजपूतो का क्षेत्र होने से ऐसा मालूम होता है कि तेना गांव तरूण जी के नाम पर ही पड़ा। तेना गांव गोगादेव जी के 12 गांवो मे सबसे शक्तिशाली माना जाता रहा है। एक समय कि बात है कि डेडा गांव जो पाली जिले में है वहाँ गोगादेव के 11गांव युद्ध का बदला लेने गए और तेना गांव को पीछे रखा जब 11गांव डेडा गांव को लूट कर वापस आए और धन का बंटवारा करने लगे तब तेना गांव ने धन लेने से इंनकार कर दिया तब बाकी गांव वालो ने कहा कि डेडा गांव में गवर और ईशर है जिसे लूट लाओ, तब तेना गांव डेडा कि गवर और ईशर ले आए, तब से तेना गांव को गोगादेव जागीरी का सबसे शक्तिशाली गांव माना जाने लगा। तेना गांव के पहले शहीद श्री मोड़ सिंह राठौड़ जो आजाद हिन्द फौज में थे। किशोर सिंह राठौड़ भी आजाद हिन्द फौज में सेवा दे चुके थे। शहीद गणपत सिंह मूलू भारत पाक युद्ध में शहीद हुए थे। तेना गांव मे अनेक फौजी है जो भारतीय सेना में सेवाएँ दे चुके हैं और आज भी कई युवा लोग सेना में सेवाएँ दे रहे हैं।तेना गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन है। गांव के कई लोग शिक्षक, पुलिस, सेना, विद्युत विभाग, जलदाय विभाग और निजी क्षेत्र में सेवाएँ दे रहे हैं। तेना गांव के प्रथम आरएएस अधिकारी श्री परबत सिंह राठौड़ है। तेना गांव के प्रथम सरपंच श्री चैन सिंह राठौड़ थे।अभी तेना गांव के सरपंच श्रीमती कंवरूकंवर है। गोगादेव समाज के अध्यक्ष श्री भगवान सिंह राठौड़ भी तेना के ही रहने वाले हैं। क्रय विक्रय समिति बालेसर के अध्यक्ष श्री बाघ सिंह राठौड़ तेना के ही निवासी हैं। तेना गांव में शेरगढ तहसील के सबसे अधिक बीपीएल परिवार है। तेना गांव में अनेक जातियों के लोग निवास करते हैं गोगादेव राजपूत बाहुल्य है इनके अलावा भाटी, ईन्दा, चौहान, सिसोदिया ,सोढा, खिंची, देवराज, रावणा राजपूत, संत,राज पुरोहित,दमामी, सुथार, दर्जी, देवासी, गोस्वामी, सोनी, खत्री, केला और राठी, भार्गव, प्रजापत, जाट, नाई, गवारिया, लोहार,भील, मेघवाल, हरिजन, सांची आदि जातियों के लोग निवास करते हैं।तेना गांव में मुख्य समस्या~जोधपुर शेरगढ मार्ग पर बसा तेना गांव अभी भी सिंगल लेन है।तेना गांव  मे बैंक शाखा का अभाव है। तेना गांव में बालिका माध्यमिक विद्यालय का अभाव है।तेना गांव में पुलिस चौकी या होम गार्ड कि सुविधा नहीं है।तहसील मुख्यालय से जुड़ा होने पर भी रोड़वेज बस का अभाव है जिससे डाक विभाग को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तेना गांव खिंरजा, तिबना, टिम्बड़ी, सोईन्तरा, शेरगढ, भुंगरा व गड़ा गांव से जुड़ा है फिर भी तेना मे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उपलब्ध नहीं है। शिक्षकों के काफी पद रिक्त हैं। तेना गांव के राजस्व गांव नाहर सिंह नगर और हनुवत नगर है। गांव में दो प्रमुख कुएँ है। तेना गांव के प्रमुख धार्मिक स्थल~तेना मे नागणेच्ची माता का जूना देवल और नागणेच्ची माता का नया देवल जो गोगादेव समाज के 12 गांवो का है, इसके अलावा महादेव मंदिर, ठाकुर जी का मंदिर, हनुमान जी का मंदिर, शनिदेव का मंदिर, बायोसा का मंदिर, पाबुजी राठौड़ का मंदिर, खेतपाल जी का मंदिर, जोतसिंह भोमियाजी का मंदिर, पदम सिंह भोमियाजी का मंदिर आस्था के प्रमुख केंद्र है। तेना गांव में गुरु जलंधर नाथ जी का मंदिर अधुरी भाखरी पर बन रहा है जो लोगों की आस्था का प्रमुख धार्मिक स्थल है।

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