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Thursday 16 July 2015

Good lines

Some good lines collection ... with deep meanings. ...

��:  बुलंदी की उडान पर हो तो ,
जरा सब्र रखो।
परिंदे बताते हैं कि ,
आसमान में ठिकाने नही होते ।।


��:  चढ़ती थीं उस मज़ार पर चादरें बेशुमार ,
लेकिन बाहर बैठा कोई फ़क़ीर सर्दी से मर गया।।


��:  कितनी मासुम सी ख़्वाहिश थी इस नादांन दिल की ,
जो चाहता था कि.. शादी भी करूँ और ....
ख़ुश भी रहूँ ।। 

��:  छत टपकती है उसके कच्चे घर की , वो किसान फिर भी बारिश की दुआ माँगता है ।।

��:  तेरे डिब्बे की वो दो रोटिया कही भी बिकती नहीं ,
माँ ...........
होटल के खाने से आज भी भूख मिटती नहीं ।।

��:  इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर " ऐ बेखबर "
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हे....।।

��:  सीख रहा हूं अब मैं भी इंसानों को पढने का हुनर ,
सुना है चेहरे पे किताबों से ज्यादा लिखा होता है ।।

��:  लिखना तो ये था कि खुश हूँ तेरे बगैर भी ,
पर कलम से पहले आँसू कागज़ पर गिर गया ।।

��:  " मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए ,
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुये ।।

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