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Monday 17 October 2016

*झूठे दिलासे* से *स्पष्ट इंकार* बेहतर है

🙏 अच्छा *दिखने* के लिये मत जिओ
          बल्कि *अच्छा* बनने के लिए जिओ

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  🙏 जो *झुक* सकता है वह सारी
          दुनिया को *झुका* सकता है

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  🙏 अगर बुरी आदत *समय पर न बदली* जाये
          तो बुरी आदत *समय बदल देती* है

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  🙏 चलते रहने से ही *सफलता* है,
          रुका हुआ तो पानी भी *बेकार* हो जाता है

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  🙏 *झूठे दिलासे* से *स्पष्ट इंकार* बेहतर है

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  🙏 अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना*,
          अच्छा *विचार* मन को हल्का करता है

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  🙏 मुसीबत सब पर आती है,
          कोई *बिखर* जाता है
            और कोई *निखर* जाता है।

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