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Sunday 16 October 2016

"ये उम्मीद मत रखना" (जीवन के कुछ कटु सत्य)

बोया है बबूल और मिलते रहेंगे आम, तो ये उम्मीद मत रखना।

युवापन में स्वास्थ्य का नहीं रखा ख़याल, तो बुढ़ापा कटेगा आराम से, ये  उम्मीद मत रखना।

भाई से सम्बंध  नहीं रखे बनाके, तो बच्चे रहेंगे मिलके, ये उम्मीद मत रखना।

सारा समय बिताया दूसरों की बुराई में, तो समय साथ देगा, ये उम्मीद मत रखना।

बच्चों को हर बात पर डाँटा, तो बच्चे प्रेम से बात करेंगे, ये उम्मीद मत रखना।

किया नहीं कभी सम्मान अपने से बड़ों का, तो छोटे देंगे इज़्ज़त, ये उम्मीद मत रखना।

सिर्फ़ इकट्ठा करने में बिता दिया जीवन, फिर भी कुछ साथ जाएगा, ये उम्मीद मत रखना। 

किया सबसे झगड़ा, हर पल हर क्षण, तो कोई साथ देगा, ये उम्मीद मत रखना।

औरों से की उपेक्षा और ख़ुद नहीं की कोशिश, तो काम होंगे पूरे, ये उम्मीद मत रखना।

क़ीमती है ये जीवन अरबों खरबों कोहिनूरों से ज़्यादा, खो दिया जो यूँही, तो फिर मिलेगा, ये उम्मीद मत रखना।

बोया है बबूल और मिलते रहेंगे आम, तो ये उम्मीद मत रखना।
बोया है बबूल और मिलते रहेंगे आम, तो ये उम्मीद मत रखना। ....

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