तुलसीदास जी बहुत ज्ञानी थे, वे *आधार कार्ड* के बारे में पहले ही बता गए थे........
"कलियुग केवल नाम *अधारा।*
सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा।
अर्थात,
कलियुग में *आधार कार्ड* से ही आपकी पहचान होगी। और समुंद्र से पार जाने के लिए पासपोर्ट भी तभी बनेगा जब आपके पास *आधार कार्ड* होगा।
दूध का सार है मलाई में
और जिंदगी का सार है भलाई में,
तू किस दादागिरी की बात करता है पगले,
हम तो उस जाति के लोग है
जो जंगल में पांव रख दे
तो शेर भी आकर बोलता है
" पाय लागूं करीगरो " ।।।।
😜😜😜
वाइफ की बातें और पंडित की कथा एक जैसी होती हैं
समझ भले कुछ न आये पर ध्यान लगाकर सुनने का नाटक ज़रूर करना पड़ता है
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